उज्जैन। सोमवार-मंगलवार दरमियान नागपंचमी पर मंदिर समिति ने अद्भूत क्षमता का प्रदर्शन किया है। रेकार्ड तोर्ड श्रद्धालुओं को इस दौरान नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करवाकर यह साफ किया गया है कि समिति श्रद्धालुओं के लिए जो चाहे वो कर दिखा सकती है। श्रद्धालुओं ने समिति की अद्भूत शक्ति से वर्तमान श्री महाकालेश्वर दर्शन व्यवस्था में 200 मीटर से दूरी घटाकर नंदी के ठीक पीछे से दर्शन व्यवस्था करवाने की अपेक्षा जताई है। इसके साथ ही सप्ताह में दो दिन ही नागचंद्रेश्वर दर्शन की तरह से गर्भगृह में दर्शन के लिए भी इच्छा व्यक्त की है।नागपंचमी के अवसर पर भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के तृतीय तल स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की भित्ती प्रतिमा एवं शिव लिंग के श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए। मंदिर वर्ष में एक बार नागपंचमी पर 24 घंटे के लिए खोला जाता है। 24 घंटे में से त्रिकाल पूजा के तहत डेढ घंटा निकल जाता है। इस बार भी करीब साढे 22 घंटे ही श्रद्धालुओं को दर्शन की स्थिति रही है। इन साढे 22 घंटे के दौरान भी प्रशासन ने 8 लाख 66 हजार 390 श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए हैं। यानिकी प्रति सेकंड 11 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। इसके साथ ही श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था को समिति ने संचालित कर दिखाया है।अगर पूरे 24 घंटे भी दर्शन करवाए तो उस दौरान हुई पूजा के कारण कई श्रद्धालु भगवान को देखे बगैर ही बाहर की और निकल गए। इसका कारण यह था कि पूजा के दौरान भगवान और आम श्रद्धालू के बीच पूजा करने वाले अन्य की उपस्थिति रही थी। इसके बाद भी आम श्रद्धालु हेड काउंटिंग में बराबर गणना में आया है।भगवान और भक्त की दूरी घटाने की अपेक्षा-मंदिर समिति ने अपनी शक्ति को जानकर व्यवस्थाओं के साथ नागपंचमी पर भगवान के दर्शन आम श्रद्धालु को करवाने में जमकर मेहनत की है। इसके चलते भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए लंबे समय से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भगवान एवं भक्त के बीच की करीब 200 मीटर की दूरी कम करने के लिए अपेक्षा रही है। मंदिर समिति ने इस बार अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है । इससे आम श्रद्धालु को उम्मीद जागी है कि जौश के दौरान समिति शक्ति के साथ अब इस दूरी के मुद्दे को हर हाल में कम करने की क्षमता रखती है। इसके लिए आम श्रद्धालु को पक्ष है कि इतनी दूर से भगवान को देख पाना हर श्रद्धालु के बस में नहीं है। मोबाईल के कारण नेत्र रोग बढता जा रहा है और इसके अन्य कारण भी हैं , ऐसे में समिति श्रद्धालु हित में निर्णय लेते हुए नंदी के ठीक पीछे तक आम श्रद्धालुओं को ले जाकर भगवान के दर्शन की व्यवस्था को अंजाम दे सकती है। जिससे वर्तमान 200 मीटर की दूरी से निजात मिल सकती है। इस व्यवस्था से नंदी गृह तक जाने वाले वीआईपी के मुद्दे पर विराम लगेगा और आम खास एक हो जाएंगे। भस्मार्ती के दौरान समिति खास को वर्तमान व्यवस्था की तर्ज पर नंदी गृह में स्थान दे और आम को गणेश मंडपम एवं कार्तिकेय मंडपम दर्शन करवाए।ये भी किया जा सकता है-मंदिर और गर्भगृह की सुरक्षा को लेकर ऐसे में नंदी गृह से गर्भगृह जाने वाले पहले द्वार पर पारदर्शी कांच का गेट लगाकर उस पर ताला लगाने से कोई भी आम श्रद्धालु आगे नहीं जा सकेगा और समिति के खास वीआईपी जल द्वार से प्रवेश कर चांदी द्वार से भगवान के दर्शन कर वापसी भी कर सकेंगे। अगर नंदी के कान में खास श्रद्धालु का कुछ कहना जरूरी है तो ऐसे में भी पारदर्शी गेट से उन्हें बाहर लाकर नंदी के सामने से दर्शन करवाए जा सकते हैं।आम के लिए भी गर्भगृह पर विचार हो-नागचंद्रेश्वर भगवान के इतनी बडी संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने पर आम श्रद्धालुओं की उम्मीदें मंदिर समिति की शक्ति को लेकर कुलाचें भरने लगी है। वैसे तो पूर्व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह गर्भगृह दर्शन को लेकर स्पष्ट रूप से स्वीकार कर चुके थे कि अब यह संभव नहीं है। समिति के इस बार नागचंद्रेश्वर दर्शन में अपनी व्यवस्था से रेकार्ड कायम करने से एक बार फिर आम श्रद्धालुओं की आस जागृत हुई है। शहर के साथ ही बाहर से आने वाले आम श्रद्धालुओं का पक्ष है कि सप्ताह में दो दिन या माह में 5 दिन आम जन को भी गर्भगृह में प्रवेश के लिए समिति को अपनी शक्ति का प्रदर्शन नागचंद्रेश्वर दर्शन की तरह करना ही चाहिए । जब 24 घंटें में प्रति सेकंड 10-11 श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा सकते हैं तो मंदिर समिति की शक्ति का सद्उपयोग करते हुए भगवान श्री महाकालेश्वर के गर्भगृह से दर्शन सप्ताह में दो दिन या माह में 5 दिन तो करवाए ही जा सकते हैं। इसके लिए मंदिर समिति ही सामान्य दिनों का चयन कर इसे लागू कर सकती है।87 क्विंटल से अधिक लड्डू बिका-श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर के ऊपरी तल पर स्थित वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के 29 जुलाई 2025 को खोले गए । मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने बताया कि, नागपंचमी पर्व पर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा भक्तों को उपलब्ध कराये जाने वाले *लड्डू प्रसाद से रुपये 41,28,000/-(इकतालीस लाख अठाइस हज़ार) प्राप्त हुए है। नागपंचमी पर्व पर कुल 87.335 कुन्तल लड्डू का विक्रय हुवा। लड्डू प्रसादी नो प्राफिट नो लास के आधार पर विक्रय किया जाता है।मंदिर प्रबन्ध समिति ने लड्ड् प्रसादी सहजता से श्रद्धालुओं को मिलने के लिए नागपंचमी पर्व पर कुल 10 अस्थायी लड्डू काउंटर लगाए गए। जिनका संचालन 28 जुलाई 2025 की रात्रि 12 बजे से 29 जुलाई 2025 की रात्रि 12 बजे तक किया गया । काउंटर क्रमशः नृसिंह घाट तिराहा पर 08, भीलसमाज पर 01 और कर्कराज राज पार्किग पर 01 स्थापित किये गए थे।
